शहीद बेटे के लिए माँ के कुछ एहसास….
शहीद बेटे के लिए माँ के कुछ एहसास….
शहीद हुआ बेटा मेरा माँ
बड़े गर्व से कहती है
अंतर्मन से देखो वह कितना रोती है
नाम है अरविंद सिंह बस यही बताती है
लाल मेरा मुझसे रूठा यही सुनाती
यही सुनाती रहती है।
शहीद हुआ बेटा मेरा माँ
बड़े गर्व से कहती है…
यूं तो हर पल हर दम सिसकियाँ लेती रहती है
कभी-कभी बड़े गर्व से किस्से सुनाती रहती है
माँ तो माँ है आंचल में फिर आँसू भर लेती है।
शहीद हुआ बेटा मेरा माँ
बड़े गर्व से कहती है….
एक एक तारीख उसको हर पल याद रहती है
जिस तिरंगे में लिपटा शहीद अरविंद सिंह आया
उस तिरंगे को वह हृदय से लगाकर रखती है
उसमें से खुशबू माँ को अपने बेटे की आती है।
शहीद हुआ बेटा मेरा माँ
बड़े गर्व से कहती है…
मानव कल की यह बात हो
सारे बिखरे जज्बात हो
अट्ठारह गोलियां खाई बेटे ने
छलनी जैसे माँ का कलेजा हो
कितने बिखरे माँ के अरमान हैं
कैसे एक माँ एक सांस में
बयाँ कर जाती है।
शहीद हुआ बेटा मेरा माँ
बड़े गर्व से कहती है…..
हरमिंदर कौर
अमरोहा यूपी
@@मौलिक स्वरचित