शहीदन कूँ नमन (ब्रजभाषा छंद)
🙏
!! श्रीं !!
सुप्रभात !
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन !
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नमन शहीदन कूँ
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बीर जो सहीद भये, सीमा पै चढ़ाय सीस,
करूं हू सपूतन कूँ, सहस प्रणाम रे ।
भारती की बंदना ते , वे तौ है अमर गये,
सोने के से आँखर में दमकौगौ नाम रे ।।
उननै तौ रिन सब मैया कौ चुकाय दियौ,
साँचे वे सपूत जैसै लछमन राम रे ।
उनकूँ तू दीजो धाम अपनौ तू राधे रानी ,
‘ज्योति’ की या बिनती कूँ मान लीजो श्याम रे ।।(१)
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सुन मेरी बिनती करूँ मैं बृषभानु लली,
बज्रपात सहबे की शक्ति उन दीजियो ।
आँगन में उनकेहू रस की फुहार झरें,
अन्न-धन कोष भरें ,कृपा कोर कीजियो ।।
पहुचैं जो धाम तेरे भारती के बाबरिया,
बिनन की नेह ते तू कौरी भर लीजियो ।
बिनती करै है ‘ज्योति’ कान्हा संग एरी लाली ,
प्रेम रंग डार उन संग-संग भीजियो ।।(२)
०
राधे…राधे…!
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
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