शहादत
तेरी शहादत को यह देश भूल नहीं पाएगा,
तूने जो कर दिखाया भला कौन दिखाएगा।
हँसते-हँसते लगा लिए गले मौत को तुमने,
तू ही मातृभूमि का सच्चा सपूत कहलायेगा।।
रचना- मौलिक एवं स्वरचित
निकेश कुमार ठाकुर
गृह जिला- सुपौल (बिहार)
संप्रति- कटिहार (बिहार)
सं०- 9534148597