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15 Jun 2023 · 1 min read

शहर कि वो झिल्मिलाती रोशनी

शहर कि वो झिल्मिलाती रोशनी
कहीं खो सी गयी थी
लोगों के दिल का वो चैन
कहीं खो सा गया था
दौड भाग भरी ज़िन्दगी में
सुकून कहीं मिट सा गया था
याद सी आयी आज वो शाम
जब उसस बारिश से नहाए सूरज ने अपनी नारंगी सी रोशनी बिखेर कर आंखों को सुकुऊं दिया।

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