Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2019 · 1 min read

शर्म

शर्म
*****
आज तो कमाल हो गया जी,
तुझे देख कर चांद शर्म से लाल हो गया जी।
सजती हो सवरती हो निखरती हो जी,
मुझे देखने को मजबुर करती हो जी।
काले बाल जब लहराती हो ,
गोरे गोरे गाल पे शर्माती हो।
तुम्हारी तारीफ क्या करू,
दिल में उतर जाती हो जी।

Language: Hindi
4 Likes · 652 Views

You may also like these posts

कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
सत्य कुमार प्रेमी
तुम अगर स्वच्छ रह जाओ...
तुम अगर स्वच्छ रह जाओ...
Ajit Kumar "Karn"
तेरी जलन बनाए रखना था, मैने अपना चलन नहीं छोड़ा।
तेरी जलन बनाए रखना था, मैने अपना चलन नहीं छोड़ा।
Sanjay ' शून्य'
केवट राम प्रसंग
केवट राम प्रसंग
Dr. P.C. Bisen
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बुरा तो वही , जिसकी नियत बुरी है...
बुरा तो वही , जिसकी नियत बुरी है...
TAMANNA BILASPURI
उनकी  बातों  में  जहर  घुला है।
उनकी बातों में जहर घुला है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
लेखक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
लेखक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
किसी बिस्तर पर ठहरती रातें
किसी बिस्तर पर ठहरती रातें
Shreedhar
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
Suryakant Dwivedi
स्वयं के परिचय की कुछ पंक्तियां
स्वयं के परिचय की कुछ पंक्तियां
Abhishek Soni
Why are the modern parents doesn't know how to parent?
Why are the modern parents doesn't know how to parent?
पूर्वार्थ
लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें
लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें
Virendra kumar
ऐ पत्नी !
ऐ पत्नी !
भूरचन्द जयपाल
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हवा से भरे
हवा से भरे
हिमांशु Kulshrestha
उम्र नहीं बाधक होता।
उम्र नहीं बाधक होता।
manorath maharaj
यूज एण्ड थ्रो युवा पीढ़ी
यूज एण्ड थ्रो युवा पीढ़ी
Ashwani Kumar Jaiswal
*मनकहताआगेचल*
*मनकहताआगेचल*
Dr. Priya Gupta
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नसीबों का खेल है प्यार
नसीबों का खेल है प्यार
Shekhar Chandra Mitra
दोहा पंचक. . . नारी
दोहा पंचक. . . नारी
sushil sarna
बहुत दागी यहाँ पर हैं
बहुत दागी यहाँ पर हैं
आकाश महेशपुरी
गांव और वसंत
गांव और वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं ,
दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं ,
Uttirna Dhar
उत्तराधिकार
उत्तराधिकार
Shashi Mahajan
मेघ तुम आओ...
मेघ तुम आओ...
Vivek Pandey
" दुआ "
Dr. Kishan tandon kranti
ओ चिरैया
ओ चिरैया
Girija Arora
Loading...