शरीर को जिसने प्राण दिए बस उसी की जय कीजिए
शरीर को जिसने प्राण दिए बस उसी की जय कीजिए
जन्म मरण के बीच का सुखमय यात्रा तय कीजिए।
मृत्यु से न भय कीजिए
निश्छल जीवन व्यय कीजिए।
(हाफ़िज़ शानुद्दीन)
शरीर को जिसने प्राण दिए बस उसी की जय कीजिए
जन्म मरण के बीच का सुखमय यात्रा तय कीजिए।
मृत्यु से न भय कीजिए
निश्छल जीवन व्यय कीजिए।
(हाफ़िज़ शानुद्दीन)