शरारत कर के बचपन में…
शरारत कर के बचपन में…
★★★★★★★★★★★★★★★★★
शरारत कर के बचपन में मुझे सोना बहुत आया
चुराकर फल बहुत सारे उसे ढोना बहुत आया
यूँ चढ़ने को तो मैं चढ़ ही गया तरुवर की चोटी पर
उतरना भूल बैठा तो मुझे रोना बहुत आया
– आकाश महेशपुरी
शरारत कर के बचपन में…
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शरारत कर के बचपन में मुझे सोना बहुत आया
चुराकर फल बहुत सारे उसे ढोना बहुत आया
यूँ चढ़ने को तो मैं चढ़ ही गया तरुवर की चोटी पर
उतरना भूल बैठा तो मुझे रोना बहुत आया
– आकाश महेशपुरी