Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2020 · 2 min read

शराब

रात नौ बजे की की वी न्यूज़ में बताया गया की सरकार कल से शराब की दुकानें खोलने का पर्मिशन दे दिया है और कल से शराब की बिक्री चालू हो जाएगी। करीब डेढ़ माह के लाक डाउन के पश्चात बहुत से लोगों के दिलों में खुशी की लहर दौड़ गई।
दुसरे दिन लोगों की लम्बी लम्बी कतारें लग गई कुछ लोग तो आधी रात से ही लाईन में लग गए मगर सुबह होते-होते भीड़ इतनी बढ़ गई की धक्का मुक्की होने लगी पुलिस अपनी तरफ से कोशिश कर रही थी पर लोगों की भीड़ को कोई फर्क नहीं पडा । उसी तरह धक्का मुक्की होती रही कहीं तू तू मैं मैं कहीं गाली गलौज हर कोई यही समझ रहा था की उसका नंबर आते तक मिलेगी की नहीं इसी चक्कर में मारपीट भी शुरु हो गई भीड़ पर कंट्रोल न होते देख पुलिस को भी डंडे चलाने पड़े धक्का मुक्की और लाठियों की मार से बचने के लिए भगदड़ मच गई की लोग गंभीर रूप से घायल हुए और जब भीड़ नहीं संभाली गई तो दुकान बंद करवानी पड़ी हताश लोग अपने अपने घर सरकार को कोसते हुए लौटने लगे इतना सब कुछ होने के बाद भी दुसरे दिन उससे भी ज्यादा भीड़ हो गई तो मैं सोचने लगा नोट बंदी के समय भी कतारें लगी थी और कतारों में लगे लोग जीभर कर सरकार को कोस रहे थे।
और आज वही लोग एक बोतल शराब के लिए जान पर खेलने को भी तैयार हैं ये कैसी विडम्बना थी की हमारी संस्कृति हमारे आदर्श हमारी सोच सिर्फ एक बोतल शराब तले दबी पड़ी थी।
=======================================
© गौतम जैन ®

Language: Hindi
1 Like · 419 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा त्रयी. . . सन्तान
दोहा त्रयी. . . सन्तान
sushil sarna
*आई बारिश घिर उठी ,नभ मे जैसे शाम* ( *कुंडलिया* )
*आई बारिश घिर उठी ,नभ मे जैसे शाम* ( *कुंडलिया* )
Ravi Prakash
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
मतलब नहीं माँ बाप से अब, बीबी का गुलाम है
gurudeenverma198
आंबेडकर न होते तो...
आंबेडकर न होते तो...
Shekhar Chandra Mitra
धन्य होता हर व्यक्ति
धन्य होता हर व्यक्ति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जिन्होंने भारत को लूटा फैलाकर जाल
जिन्होंने भारत को लूटा फैलाकर जाल
Rakesh Panwar
अलविदा ज़िंदगी से
अलविदा ज़िंदगी से
Dr fauzia Naseem shad
हरिगीतिका छंद
हरिगीतिका छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
Manisha Manjari
2351.पूर्णिका
2351.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तेरी - मेरी कहानी, ना होगी कभी पुरानी
तेरी - मेरी कहानी, ना होगी कभी पुरानी
The_dk_poetry
भारत भूमि में पग पग घूमे ।
भारत भूमि में पग पग घूमे ।
Buddha Prakash
रिश्तें मे मानव जीवन
रिश्तें मे मानव जीवन
Anil chobisa
■ कमाल है साहब!!
■ कमाल है साहब!!
*Author प्रणय प्रभात*
मैं मजदूर हूं
मैं मजदूर हूं
हरवंश हृदय
हादसे
हादसे
Shyam Sundar Subramanian
कॉफ़ी की महक
कॉफ़ी की महक
shabina. Naaz
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
एक और सुबह तुम्हारे बिना
एक और सुबह तुम्हारे बिना
Surinder blackpen
चन्द ख्वाब
चन्द ख्वाब
Kshma Urmila
गुरु दक्षिणा
गुरु दक्षिणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"आकांक्षा" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जीवन ज्योति
जीवन ज्योति
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
"स्मार्ट कौन?"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हारे प्रश्नों के कई
तुम्हारे प्रश्नों के कई
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
धरती माँ ने भेज दी
धरती माँ ने भेज दी
Dr Manju Saini
तिरंगा
तिरंगा
Dr Archana Gupta
गाँव की याद
गाँव की याद
Rajdeep Singh Inda
कब गुज़रा वो लड़कपन,
कब गुज़रा वो लड़कपन,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
Gouri tiwari
Loading...