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25 Oct 2021 · 1 min read

शरद पूर्णिमा(मुक्तक)

शरद पूर्णिमा (मुक्तक)
********************************
मधुमय शरद की पूर्णिमा का चाँद मुस्काता
दिखा
चमचम चमकती चाँदनी में गीत कुछ गाता
दिखा
निर्मल दिखा आकाश , तारे शीत को लाते हुए
बरसा रहा अमृत कि जैसे चाँद मस्ताता
दिखा
*******************************
रचयिता : रवि प्रकाश , रामपुर

Language: Hindi
126 Views
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