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26 Jun 2023 · 1 min read

शरदपूर्णिमा (महारास)

शरदपूर्णिमा
(महारास)

शरद की जुन्हाई ,मनमोहिनी , कन्हाई,
सारी गोपियां हैं आई ,आज रास तो रचायलो।

राधा अलबेली , घनश्याम की सहेली,
करे श्याम से ठिठोली ,आज रास तो रचायलो।

नैना चमक रहे , पायल छनक रहे ,
अंग-अंग महक रहे ,आज रास तो रचायलो।

कान्हा मुस्काए , योग माया को बुलाए,
हर गोपी संग आए , दर्शन सुख पायलो।

इंदु पाराशर

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