Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2024 · 1 min read

शब्द लौटकर आते हैं,,,,

शब्द लौटकर आते हैं,,,,

110 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shweta Soni
View all
You may also like:
🙅लोकतंत्र में🙅
🙅लोकतंत्र में🙅
*प्रणय प्रभात*
एक गुजारिश तुझसे है
एक गुजारिश तुझसे है
Buddha Prakash
कठिन समय आत्म विश्लेषण के लिए होता है,
कठिन समय आत्म विश्लेषण के लिए होता है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जन्मदिन मुबारक तुम्हें लाड़ली
जन्मदिन मुबारक तुम्हें लाड़ली
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
विकास शुक्ल
आज का ज़माना ऐसा है...
आज का ज़माना ऐसा है...
Ajit Kumar "Karn"
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सफलता का मार्ग
सफलता का मार्ग
Praveen Sain
जिन्दगी यह बता कि मेरी खता क्या है ।
जिन्दगी यह बता कि मेरी खता क्या है ।
Ashwini sharma
लाल बहादुर
लाल बहादुर
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मुर्दे भी मोहित हुए
मुर्दे भी मोहित हुए
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
सपने असामान्य देखते हो
सपने असामान्य देखते हो
ruby kumari
*भूल कर इसकी मीठी बातों में मत आना*
*भूल कर इसकी मीठी बातों में मत आना*
sudhir kumar
इश्क़ में सरेराह चलो,
इश्क़ में सरेराह चलो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं।
नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं।
सत्य कुमार प्रेमी
हमको बच्चा रहने दो।
हमको बच्चा रहने दो।
Manju Singh
जितनी स्त्री रो लेती है और हल्की हो जाती है उतना ही पुरुष भी
जितनी स्त्री रो लेती है और हल्की हो जाती है उतना ही पुरुष भी
पूर्वार्थ
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
" हो सके तो किसी के दामन पर दाग न लगाना ;
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
अपना सपना
अपना सपना
Shashi Mahajan
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बच्चे
बच्चे
Kanchan Khanna
अत्यधिक खुशी और अत्यधिक गम दोनो अवस्थाएं इंसान के नींद को भं
अत्यधिक खुशी और अत्यधिक गम दोनो अवस्थाएं इंसान के नींद को भं
Rj Anand Prajapati
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
sushil sarna
"मुकाम"
Dr. Kishan tandon kranti
मांँ
मांँ
Neelam Sharma
बुंदेली दोहे- ततइया (बर्र)
बुंदेली दोहे- ततइया (बर्र)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कनि कहियौ ने श्रीमान..!
कनि कहियौ ने श्रीमान..!
मनोज कर्ण
पर्यावरण सम्बन्धी स्लोगन
पर्यावरण सम्बन्धी स्लोगन
Kumud Srivastava
Loading...