‘शब्द बाण’
मोटी चमड़ि चौड़ि खाल, आदमि गोल मटोल।
पुछो इससे दुनिया में , कितना इसका मोल।
औरों के हक छीन कर, करता है मनमानि
रिश्वत खाता देश में, फैलाता बेमानि।
राम नाम की आड़ में, करता काले काम
दिखाता करके सबको, तीरथ चारों धाम ।
– विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’
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