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17 Jun 2021 · 1 min read

शब्द – पर्वत

धरणीधर
ज्योति प्रभा शिखर
गौरवान्वित ।

महा विराट
धराधर भूधर
ग्रीवा अकड़ ।

अभिभावक
राष्ट्र देश भारत
पर्वतराज ।

हे हिमपति
महा दीर्घ विशाल
तुषार हिम ।

साधु सन्यासी
हिमाद्रि नगेश
शरणागत ।

अचल तुंग
जीवन अनुभव
आनंद मग्न ।

श्वेत हिमाद्रि
आत्मिक चैन सुख
प्रियदर्शन ।

संभालो आप
गिरिवर अचल
हिमस्खलन ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 16/06/2021 )

Language: Hindi
1 Like · 512 Views
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