Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Mar 2021 · 2 min read

*”शबरी “*

“शबरी”
फागुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती मनाई जाती है।शबरी जयंती के दिन ही शबरी को उसके भक्ति के परिणामस्वरूप मोक्ष प्राप्ति हुई थी। हिन्दू पंचांग के अनुसार शबरी जयंती प्रति वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। शबरी का असली नाम श्रमणा था।रामायण काल में शबरी ने ही प्रभु श्रीराम को जूठे बेर खिलाए थे। घर से भागने के बाद अकेली शबरी जंगल में भटक रही थी।बाल्यकाल से ही श्रमणा भगवान श्री राम की भक्त थी ।शिक्षा प्राप्ति के उद्देश्य से कई गुरुवरों के आश्रम में दस्तक दी, लेकिन शबरी तुच्छ जाति की थी, इसलिए उसे सभी ने धुत्कार कर निकाल दिया। अंत में मतंग ऋषि के आश्रम में शबरी को स्थान और शिक्षा मिली। मतंग ऋषि शबरी की गुरु भक्ति से बहुत प्रसन्न थे। देह छोड़ने से पहले मतंग ऋषि ने शबरी को आशीर्वाद दिया कि एक दिन भगवान राम स्वयं शबरी से मिलने आएंगे। उस दिन उसका उद्धार होगा और उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी। इस दिन शबरी की याद में भगवान राम तथा उनके परिवार को बेर चढ़ाएं तथा सफेद चंदन से तिलक लगाया जाता है।
शबरी जयंती पर शबरीमाला मंदिर में माता शबरी की पूजा अर्चना की जाती है तथा श्रद्धालुओं के लिए विशेष मेला लगता है।माता शबरी की पूजा अर्चना करने से श्री राम की कृपा प्राप्त होती है।इस दिन शबरी की स्मृति यात्रा निकाली जाती है।
*कौन कहता है भगवान खाते नहीं ….
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं….! ! !
तपस्या धैर्य की जीती जागती मिसाल माता शबरी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
????????????

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 3 Comments · 460 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
डाइन
डाइन
अवध किशोर 'अवधू'
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
बिटिया  घर  की  ससुराल  चली, मन  में सब संशय पाल रहे।
बिटिया घर की ससुराल चली, मन में सब संशय पाल रहे।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जय माता दी -
जय माता दी -
Raju Gajbhiye
■ इलाज बस एक ही...
■ इलाज बस एक ही...
*Author प्रणय प्रभात*
लघुकथा - एक रुपया
लघुकथा - एक रुपया
अशोक कुमार ढोरिया
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
Atul "Krishn"
* माथा खराब है *
* माथा खराब है *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बड़े ही फक्र से बनाया है
बड़े ही फक्र से बनाया है
VINOD CHAUHAN
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
कार्तिक नितिन शर्मा
यादों के छांव
यादों के छांव
Nanki Patre
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
"वो पूछता है"
Dr. Kishan tandon kranti
एक प्रयास अपने लिए भी
एक प्रयास अपने लिए भी
Dr fauzia Naseem shad
तीज मनाएँ रुक्मिणी...
तीज मनाएँ रुक्मिणी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
और कितना मुझे ज़िंदगी
और कितना मुझे ज़िंदगी
Shweta Soni
कैसे देखनी है...?!
कैसे देखनी है...?!
Srishty Bansal
💐प्रेम कौतुक-401💐
💐प्रेम कौतुक-401💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*जीवन का आधार है बेटी,
*जीवन का आधार है बेटी,
Shashi kala vyas
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
Jitendra kumar
R J Meditation Centre, Darbhanga
R J Meditation Centre, Darbhanga
Ravikesh Jha
ख्वाहिश
ख्वाहिश
Neelam Sharma
3083.*पूर्णिका*
3083.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोहली किंग
कोहली किंग
पूर्वार्थ
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
Basant Bhagawan Roy
रंग जीवन के
रंग जीवन के
kumar Deepak "Mani"
मातृभूमि
मातृभूमि
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुझको कबतक रोकोगे
मुझको कबतक रोकोगे
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ग़ज़ल _ मिरी #मैयत पे  रोने मे.....
ग़ज़ल _ मिरी #मैयत पे  रोने मे.....
शायर देव मेहरानियां
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
तीन मुक्तकों से संरचित रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
Loading...