शबरी के बेर
शबरी के बेर
प्रतीक है एक भाव का
श्रीराम के समरसता
समभाव का।
प्रतीक है एक व्यक्ति
का अपने लक्ष्य
के प्रति दृढ़ता का
एकटक अड़े रहना
एक प्रतिभा का।
एक भक्त का
अपने भगवान के प्रति
समर्पण का
अपने प्रिय के लिए
सर्वस्व अपने
अर्पण का।
काल कोई भी रहा हो
रहा हो युग भी
कोई
मानवोचित इन गुणों
को नहि नष्ट कर
पाया कोई।
युगविशेष का युगधर्म
और मानक रहा
है बेशक
पर इससे इतर जिंदा
रही है एक संवेदना
सरोतर।
माना कि आज तेरा
दिन है निर्मेष
पर निश्चित मेरे कल
के लिए भी ईश्वर
ने छोड़ा होगा
कुछ शेष।
निर्मेष