Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2022 · 2 min read

शपथ

रक्षा बंधन पर ननद और भाभी भी लें शपथ
**********************************

रक्षाबंधन के पवित्र पर्व को भाई बहनों के पवित्र रिश्ते से जोड़ा गया है, जब माता के गर्भ से बच्चे का जन्म होता है उसे नहीं मालूम होता कि उसके माता पिता या भाई बहन कौन हैं , परिवार के बीच रहते हुए जब वह बच्चा हर रिश्ते को समझ लेता है तब उसका आचरण और संबंधित रिश्ते के लिए संबोधन दोनों सुनाई और दिखाई देने लगते हैं, हमारी संस्कृति में पति पत्नी, भाई बहन के रिश्ते में मजबूती आए और भावनात्मक जुड़ाव महसूस हो इसके लिए पर्व त्योहार पर विशेष ध्यान दिया गया है।
रक्षाबंधन एवं भइया दूजा जैसे पर्व पर बहनें अपने भाई के दीर्घायु होने और उम्र भर अपने भाईयों से अपनी बहनों की रक्षा करने का संकल्प उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर लेती हैं।रक्षा बंधन के इस पुनीत अवसर पर बहनों को भी यह संकल्प लेना आवश्यक है कि जिस भाई ने उसे रक्षा करने का वचन दिया है, उसके परिवार में उसी भाई की पत्नी और बच्चों के प्रति भी वो समर्पित होकर वो ही आदर,स्नेह और प्रेम अपनी ओर से भी बनाये रखेंगी, कभी भी भाभी के खिलाफ वातावरण नहीं बनाएँगी,अपनी भाभी को भी ससुराल में चैन से जीने देंगी ताकि ना तो उसे आत्महत्या करने की नौबत आये और ना ही कोई हाथ उसकी हत्या के लिए उठे।बहनों को यह समझना होगा कि यदि आपके घर मे आपकी भाभी हैं तो आप भी किसी घर मे भाभी होंगी।अपनी भाभी से मित्रवत और बहन की तरह रिश्ते बनाकर ननद एक मिसाल समाज के सामने प्रस्तुत करेंगी और यही आचरण भाभी भी अपनी ननदों के बीच रखेंगी,उन्हें बहन और मित्र सा प्यार देंगी तो हमारी समाज की छवि काफी हद तक सुधर जाएगी और ससुराल में बेटियों को प्रताड़ित करने का दौर समाप्त हो सकेगा,सामाजिक कुरीतियों पर लगाम लगेगा और एक स्वस्थ सामाजिक जीवन हम जी सकेंगें।
——–सिंधु मिश्र,राँची

Language: Hindi
139 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वो सबके साथ आ रही थी
वो सबके साथ आ रही थी
Keshav kishor Kumar
आपने खो दिया अगर खुद को
आपने खो दिया अगर खुद को
Dr fauzia Naseem shad
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
Kumar lalit
दलदल में फंसी
दलदल में फंसी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शुभ रात्रि मित्रों
शुभ रात्रि मित्रों
आर.एस. 'प्रीतम'
अस्ताचलगामी सूर्य
अस्ताचलगामी सूर्य
Mohan Pandey
जीवात्मा
जीवात्मा
Mahendra singh kiroula
अहं
अहं
Shyam Sundar Subramanian
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
पाप का भागी
पाप का भागी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दूर अब न रहो पास आया करो,
दूर अब न रहो पास आया करो,
Vindhya Prakash Mishra
फकत है तमन्ना इतनी।
फकत है तमन्ना इतनी।
Taj Mohammad
भूमि दिवस
भूमि दिवस
SATPAL CHAUHAN
चिंतन और अनुप्रिया
चिंतन और अनुप्रिया
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
महाशिव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मैं चाहता हूँ अब
मैं चाहता हूँ अब
gurudeenverma198
ताजमहल
ताजमहल
Satish Srijan
"व्यवहार"
Dr. Kishan tandon kranti
अपनी सोच
अपनी सोच
Ravi Maurya
3176.*पूर्णिका*
3176.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रे मन
रे मन
Dr. Meenakshi Sharma
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
*हमारे ठाठ मत पूछो, पराँठे घर में खाते हैं (मुक्तक)*
*हमारे ठाठ मत पूछो, पराँठे घर में खाते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
चश्मा,,,❤️❤️
चश्मा,,,❤️❤️
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
बुद्ध रूप ने मोह लिया संसार।
Buddha Prakash
.
.
Ragini Kumari
राष्ट्रपिता
राष्ट्रपिता
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इक चितेरा चांद पर से चित्र कितने भर रहा।
इक चितेरा चांद पर से चित्र कितने भर रहा।
umesh mehra
कौआ और बन्दर
कौआ और बन्दर
SHAMA PARVEEN
Loading...