शपथ
***********शपथ (रोला) **********
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शीश शपथ ली आज,प्रीत की रीत निभाऊँ।
मिलो जो कहीं आप, प्रेम का राग सुनाऊँ।।
तुम ही मेरे मीत , गले से तुम्हें लगाऊँ।
तुम्हें न पाऊँ जीत,तुम बिना मर मिट जाऊँ।।
चाँदनी भरी रात ,चंद्रमुखी मुख निहारूँ।
तारों से हो बात, नाम ले तुझे पुकारूँ।।
गरजते खूब मेघ ,बारिश बन चला आऊँ।
तपती सी हो रेत, नीर से प्यास बुझाऊँ।।
गया जो अगर हार,किसी को न मुँह दिखाऊँ।
फूलों जैसी नार , मनसीरत गीत गाऊँ।।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)