शंका समाधान
उम्मीद रखें !
मगर खुद से !
दूसरों से तो !
हमेशा दुख ही मिला है !
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मम्मी जान तुम्हारी हूँ !
पहचान तुम्हारी हूँ !
मगर जान पहचान !
पापा की काम आती है !!
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जन्म-पत्री पूर्ण करके,
ब्राह्मण लिखता है !
होगा वही जो राम रची राखा !
वरन् ब्राह्मण को भी मालूम है !
कहना वही है जो शास्त्रों में लिख रखा,
शादीशुदा को भी करना वही पड़ेगा !
जो दीन-दुखी घरवाली ने कह दिया !
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so and so…??