Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2022 · 1 min read

व्यथा…

नारी की व्यथा वो ही जाने
जो…उसके मन को पढ पाएं ।।

Language: Hindi
Tag: शेर
290 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
ruby kumari
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल
गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल
कवि रमेशराज
"ओस की बूंद"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ,  तो इस कविता के भावार
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ, तो इस कविता के भावार
Sukoon
कितना आसान है मां कहलाना,
कितना आसान है मां कहलाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
पंक्षी पिंजरों में पहुँच, दिखते अधिक प्रसन्न ।
Arvind trivedi
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
गरीबी और लाचारी
गरीबी और लाचारी
Mukesh Kumar Sonkar
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
राम है अमोघ शक्ति
राम है अमोघ शक्ति
Kaushal Kumar Pandey आस
रक्त को उबाल दो
रक्त को उबाल दो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुझ पर इल्जाम लगा सकते हो .... तो लगा लो
मुझ पर इल्जाम लगा सकते हो .... तो लगा लो
हरवंश हृदय
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
सावन के झूलें कहे, मन है बड़ा उदास ।
रेखा कापसे
Hard work is most important in your dream way
Hard work is most important in your dream way
Neeleshkumar Gupt
23/169.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/169.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेम उतना ही करो
प्रेम उतना ही करो
पूर्वार्थ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही  दुहराता हूँ,  फिरभ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
DrLakshman Jha Parimal
नारी पुरुष
नारी पुरुष
Neeraj Agarwal
परछाई
परछाई
Dr Parveen Thakur
■चंदे का धंधा■
■चंदे का धंधा■
*प्रणय प्रभात*
दिखावा
दिखावा
Swami Ganganiya
गुरुजन को अर्पण
गुरुजन को अर्पण
Rajni kapoor
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
शेखर सिंह
लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री
Kavita Chouhan
इंसान VS महान
इंसान VS महान
Dr MusafiR BaithA
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
Rekha Drolia
ले चल साजन
ले चल साजन
Lekh Raj Chauhan
लघुकथा - एक रुपया
लघुकथा - एक रुपया
अशोक कुमार ढोरिया
Loading...