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18 Feb 2024 · 1 min read

वो साँसों की गर्मियाँ,

वो साँसों की गर्मियाँ,
वो प्यासे अहसास ।
बिखरे गजरे कह गए,
दो प्यासों की प्यास । ।

सुशील सरना / 18-2-24

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