वो वक्त भी अजीब था।
वो वक्त भी अजीब था,,,
जब तू मेरे बड़ा करीब था!!!
दिल खुशियों से अमीर था,,,
इक बस तू ही मेरा नसीब था!!!
आज बिछड़कर,
तू दूर हो गया है,,,
यूं लगे मुर्दा हूं चंद,
सांसे जीने को दे गया है!!!
शायद हकीकत में,
तू मिल जाए हमको कभी,,,
इसी उम्मीद के साथ ताज,
अपनी ये जिंदगी जी गया है!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ