वो लड़की याद आती है
सफर करते हुए नभ की,ये धरती याद आती है
लुटेरोँ को अभी भी मेरी बस्ती याद आती है
हमेँ मालूम है ‘सागर’ इसी को प्यार कहते हैँ
मै जब भी तनहा होता हूँ वो लड़की याद आती है
सफर करते हुए नभ की,ये धरती याद आती है
लुटेरोँ को अभी भी मेरी बस्ती याद आती है
हमेँ मालूम है ‘सागर’ इसी को प्यार कहते हैँ
मै जब भी तनहा होता हूँ वो लड़की याद आती है