वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
वो दिल ही क्या जिसमें तड़प ना हो,
वो जिंदगी ही क्या जिसमें रुलाई ना हो,
वो आँख ही क्या जिसमें आँसू ना हो,
वो दोस्त ही क्या जिसमें गर्व ना हो,
वो मौत ही क्या जिसमें खुशी ना हो ।
✍️रूपेश कुमार