वो तीन दोहे।
वो तीन दोहे–
रहे सजगता कर्म में ,,,,,भाव रहे निष्काम ।।
रिस्तो में खुशियाँ रहे, जीवन के आयाम ।।
लोभ क्षोभ मद मोह को,,, करने दो बिश्राम ।
मानवता का पाठ पढ़,,,,,जीवन के आयाम ।।
यश अपयश समरूपता,,, हार जीत परिणाम ।
सुख दुख का कर सामना,, जीवन के आयाम ।
© राम केश मिश्र