वो ख्वाब सजाते हैं नींद में आकर ,
वो ख्वाब सजाते हैं नींद में आकर ,
वो चैन चुराते हैं ख्वाब में आकर।
उनसे कहना वो इस तरह ना आया करें ।
वो मुझे कितना रुलाते हैं ख्वाब में आकर।।
Phool gufran
वो ख्वाब सजाते हैं नींद में आकर ,
वो चैन चुराते हैं ख्वाब में आकर।
उनसे कहना वो इस तरह ना आया करें ।
वो मुझे कितना रुलाते हैं ख्वाब में आकर।।
Phool gufran