वो और हम
साफ़ रहें वो और सफाई करें हम ।
गंदगी करें वो और गंदे कहलाएं हम ।।
सारे संसाधन उनके और चलाएं हम ।
गलती करते हैं वो फिर सजा पाएं हम ।।
खाने का सारा अनाज उगा रहे हम ।
अनाज साहूकार का भूखे तड़प रहे हम ।।
आराम करें वो और मेहनत करें हम ।
शाम को मांगे मजूरी तो फिर गाली सुनें हम ।।
शिक्षा पाएं वो और रहें अशिक्षित हम ।
शोहरत पाएं वो और प्रताड़ित होवें हम ।
समता,अस्मिता,स्वतंत्रता से वंचित रहे हम ।
श्रेय लें वो और संविधान बचा रहे हम ।।