Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2021 · 1 min read

वो औरत

दोहा – वो औरत

वो देवी हैं वो दुर्गा , पूजे हर इंसान
वो औरत से ही बने, देश अपना स्त्री प्रधान

स्त्री अपमान जो करे , होत पापी समान
क्यू वो औरत ही सहे , तिरस्कार अपमान

© प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)

Language: Hindi
1 Like · 438 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी गुज़र जाती हैं
जिंदगी गुज़र जाती हैं
Neeraj Agarwal
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
लोग आसमां की तरफ देखते हैं
VINOD CHAUHAN
गाय
गाय
Vedha Singh
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और ।
sushil sarna
मैं ढूंढता हूं जिसे
मैं ढूंढता हूं जिसे
Surinder blackpen
प्रभु हैं खेवैया
प्रभु हैं खेवैया
Dr. Upasana Pandey
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
सोचता हूँ  ऐ ज़िन्दगी  तुझको
सोचता हूँ ऐ ज़िन्दगी तुझको
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बुंदेली_मुकरियाँ
बुंदेली_मुकरियाँ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बहारों कि बरखा
बहारों कि बरखा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
जिसके पास ज्ञान है,
जिसके पास ज्ञान है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो
मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो
Dr fauzia Naseem shad
जीवन को अतीत से समझना चाहिए , लेकिन भविष्य को जीना चाहिए ❤️
जीवन को अतीत से समझना चाहिए , लेकिन भविष्य को जीना चाहिए ❤️
Rohit yadav
2) “काग़ज़ की कश्ती”
2) “काग़ज़ की कश्ती”
Sapna Arora
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
আজ চারপাশ টা কেমন নিরব হয়ে আছে
Sukoon
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
दोहे
दोहे
अनिल कुमार निश्छल
निर्दोष कौन ?
निर्दोष कौन ?
Dhirendra Singh
जवानी
जवानी
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
Rj Anand Prajapati
"काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र
ओसमणी साहू 'ओश'
लिखते रहिए ...
लिखते रहिए ...
Dheerja Sharma
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
gurudeenverma198
माये नि माये
माये नि माये
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#विषय --रक्षा बंधन
#विषय --रक्षा बंधन
rekha mohan
■ जय हो...
■ जय हो...
*प्रणय प्रभात*
मन चंगा तो कठौती में गंगा / MUSAFIR BAITHA
मन चंगा तो कठौती में गंगा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Loading...