वो आह दे
वो आह दे जिस से
चाह तो तेरी,
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वो दर्द दे जो तुझे
मेरा दिवाना बना दे!
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जिन मसतों की
नज़रो में है समाया
मुझको उन नज़रों का
नजराना बना दे!
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इस दिल को इश्क़ का
मयखाना बना दे.
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आंखों के हर एक बिंदु का
पैमाना बना दे,
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कुछ कान्हा मुझे बनाना है
तो तेरा मस्ताना बना दे !
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विनय पान्डेय
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