वो आए थे।
वो आए थे…
तुर्बत पर हमारी!!!
अपनी झूठी वफा को…
दिखाने के लिए!!!
ज़ालिम ने वहां भी गिराए,,,
अपनी नज़रों से झूठे अश्क!!!
रूह की तन्हाई में,,,
हमको रुलाने के लिए!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ
वो आए थे…
तुर्बत पर हमारी!!!
अपनी झूठी वफा को…
दिखाने के लिए!!!
ज़ालिम ने वहां भी गिराए,,,
अपनी नज़रों से झूठे अश्क!!!
रूह की तन्हाई में,,,
हमको रुलाने के लिए!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ