वो अल्फ़ाज कहाँ से लाऊँ
1.
वो अल्फ़ाज कहाँ से लाऊँ,
जो तेरी शख्सियत बयाँ करे
वो भाव कहाँ से लाऊँ,
जो तेरी इबादत बयाँ करे
वो लेखनी कहाँ से लाऊँ,
जो तेरा रुतबा बयाँ करे
वो ख़्वाब कहाँ से लाऊँ
जो तेरा दीदार करा सके
2.
तुम यूं न हमसे , तकल्लुफ करो
कुछ बात करो, कुछ बात करो
उन बीते पलों , उस यादों से ही
कुछ मुलाक़ात करो, कुछ मुलाकात करो
3.
मेरी बाहों में तुम
कुछ इस तरह समा जाओ
जिस तरह छोटी – छोटी लहरें
समंदर में समा जाती हैं