Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2024 · 1 min read

वो अपने दर्द में उलझे रहे

वो अपने दर्द में उलझे रहे
दर्द ए दिल किसी ने पूछा तक नहीं
अहंकारी और न जानें क्या क्या मान बैठे

_ सोनम पुनीत दुबे

1 Like · 18 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
*मोदी (कुंडलिया)*
*मोदी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बदचलन (हिंदी उपन्यास)
बदचलन (हिंदी उपन्यास)
Shwet Kumar Sinha
दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
आर.एस. 'प्रीतम'
वो मुझे रूठने नही देती।
वो मुझे रूठने नही देती।
Rajendra Kushwaha
तौबा ! कैसा यह रिवाज
तौबा ! कैसा यह रिवाज
ओनिका सेतिया 'अनु '
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर
Amit Pathak
आहत हो कर बापू बोले
आहत हो कर बापू बोले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
Shakil Alam
वफ़ाओं की खुशबू मुझ तक यूं पहुंच जाती है,
वफ़ाओं की खुशबू मुझ तक यूं पहुंच जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मतलबी ज़माना है.
मतलबी ज़माना है.
शेखर सिंह
"याद"
Dr. Kishan tandon kranti
इंसान
इंसान
Vandna thakur
DR Arun Kumar shastri
DR Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2646.पूर्णिका
2646.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
छोटी-छोटी खुशियों से
छोटी-छोटी खुशियों से
Harminder Kaur
Sometimes we feel like a colourless wall,
Sometimes we feel like a colourless wall,
Sakshi Tripathi
प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं
प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
‘’The rain drop from the sky: If it is caught in hands, it i
Vivek Mishra
माँ सच्ची संवेदना...
माँ सच्ची संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
गुरु मांत है गुरु पिता है गुरु गुरु सर्वे गुरु
गुरु मांत है गुरु पिता है गुरु गुरु सर्वे गुरु
प्रेमदास वसु सुरेखा
जाति-धर्म
जाति-धर्म
लक्ष्मी सिंह
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Sushil Pandey
आशिकी
आशिकी
साहिल
तुम्हारा जिक्र
तुम्हारा जिक्र
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
काट  रहे  सब  पेड़   नहीं  यह, सोच  रहे  परिणाम भयावह।
काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कितने एहसास हैं
कितने एहसास हैं
Dr fauzia Naseem shad
जब दादा जी घर आते थे
जब दादा जी घर आते थे
VINOD CHAUHAN
Value the person before they become a memory.
Value the person before they become a memory.
पूर्वार्थ
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#परिहास-
#परिहास-
*प्रणय प्रभात*
Loading...