” वो अनजानी आवाज़ “
क्या बनारस में सबके बाल इतने लंबे होते हैं ? गहनों की प्रदर्शनी में एक महिला ने साथ खड़ी हम तीनों से पूछा…अरे नही आंटी वो तो इत्तफाक है…. उधर देखिए मेरी बहन बॉय कट में मीता ने कहा । मीता और उसकी दोनों दोस्तों के घुटनों के उपर नागीन जैसी बलखाती चोटियाँ किसी को भी उनकी तारीफ करने पर मजबूर करतीं ।
मीता की खूबसूरती के सब कायल थे कभी कोई हॉस्टल में दीदी लोगों को उसके नाम का सुंदर कार्ड थमा जाता अपने नाम की जगह ” साइलैंट एडमायरर ” लिख कर , कभी किसी से दोस्ती का पैगाम आ जाता ।
अक्सर वो तीनों यूनिवर्सिटी के हॉस्टल से निकल पास के मार्केट में एक रेस्टोरेंट में चाइनीस खाने जाती , मीता की एक ड्रेस जिस पर लिखा था VRSA । जब भी वो ये ड्रेस पहन कर जाती रेस्टोरेंट के निचे चाय की दुकान जो युनिवर्सिटी के लड़कों से भरी होती उनके बीच से एक आवाज़ आती ” ये VRSA मतलब क्या होता है ? ” पहली बार तो मीता को समझ नही आया पर जब दोनों दोस्तों ने कहा ये VRSA तेरी ड्रेस पर लिखा है…वाह ! क्या तेज़ निगाहे हैं मीता हँस कर बोली ।
मीता अगर छः महीने बाद भी वो ड्रेस पहन कर रेस्टोरेंट के पास से गुजरती वो आवाज़ ज़रूर आती ” ये VRSA मतलब क्या होता है ? ” मीता ने कभी भी मुड़कर नही देखा और देखती भी तो इतने लड़कों में किसने बोला ये कैसे पता चलता ? एक बात मीता को समझ नही आती कि इसको पता कैसे चलता है की आज मैं ये ड्रेस पहनने वाली हूँ ? क्या ये दिन भर यहीं बैठा रहता है ? कौन था वो ? उसको ना देख पाने का मलाल मीता को हमेशा सताता था । समय आगे बढ़ा मीता की शादी…विदाई फिर दिन आया मधुर मिलन का मीता चुपचाप कमरे में बैठी अपने हमसफर का इंतज़ार कर रही थी । कुछ ही देर में किसी ने अंदर आ कर दरवाज़ा बंद किया मीता ने देखा पतिदेव थे दोनों की निगाहें मिली और पतिदेव ने पूछा ” ये VRSA मतलब क्या होता है ? ” ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 06/07/2021 )