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29 Oct 2022 · 2 min read

“वो अक्स “

चाँद है, शब है, पर दरिया ने कुछ बेहतर पाया,
अभी अभी इधर, इक शख़्स था नज़र आया।

आज दरिया मेँ, अजब शोख़-ए-रवानी है,
है अलहदा ही इक, सुरूर उस के सर आया।

कुछ तो हैराँ सा है, दरिया भी पर दिले-शादाँ,
फ़लक पे चाँद है, ये कौन ज़मीँ पर आया।

हया-ओ-नाज़-ए-लबरेज़, है थिरकन उसकी,
अदा मेँ उसकी, हमने ज़ीनते-मन्ज़र पाया।

उरूजे-हुस्न-ए-इन्तहा से, था मदहोश समाँ ,
लहर-ए-आब पे, शबाब झूम कर आया।

वो कौन था, कहाँ गया था, किधर से आया,
ना कोई इत्तेलाह, ना ही नामाबर आया।

ज़ेरे-ग़फ़लत उसे, कुछ भी न था समझ आया,
ख़्वाब था वो, या शक्ले-ख़्वाब मातबर पाया।

चाँद हैराँ है, बर्क़े-नूर-ए-कमाल फ़क़त,
ये किस का अक्स, आबे-दरमियाँ उतर आया।

रुख़े-जमाल-ए-नायाब, का भी क्या कहिये,
दिल पे ऐसा न कभी, हमने था क़हर पाया।

अजब सी निकहते-लबरेज़ है, फ़ज़ा भी अभी,
इक फ़रिश्ता कोई, गोया हो वुज़ूगर आया।

अब तो “आशा” भरा है इज़्तेराब, दिल में जवाँ,
कौन है ये, जो अभी तक न था नज़र आया..!

शोख़-ए-रवानी # अदा से भरी हलचल, naughty looking movement
अलहदा # भिन्न,different
दिले-शादाँ # प्रसन्न चित्त, cheerful by heart
फ़लक # आसमान,sky
हया-ओ-नाज़-ए-लबरेज़ # लज्जा एवं अभिमान युक्त, full of shame and pride
ज़ीनत # ख़ूबसूरत महिला, beautiful woman
मन्ज़र # दृश्य, scene
उरूज # उठान,उन्नति आदि,rise, progress etc
आब # पानी,water
इत्तेलाह # पूर्व सूचना,prior information
नामाबर # सँदेशवाहक, messenger
ज़ेरे-ग़फ़लत # भ्रम की स्थिति में,under confusion
मातबर # विश्वसनीय व्यक्ति, reliable person
बर्क़े-नूर-ए-कमाल # बिजली सी चमक वाला अद्भुत प्रकाश extraordinary brightness as if lightening
अक्स # प्रतिबिंब,image, reflection etc.
आबे-दरमियाँ # पानी में,in water
रुख़े-जमाल-ए-नायाब # अद्वितीय सौंदर्ययुक्त चेहरा,a face, possessing unsurpassed beauty
क़हर # अत्याचार, oppression
निकहते-लबरेज़ # सुगंध से परिपूर्ण,full of fragrance
फ़ज़ा # वातावरण, ambience
वुज़ूगर # नमाज़ से पहले हाथ,मुँह आदि धोने वाला,one,washing hands,face etc.before offering prayers( doing ablution)
इज़्तेराब # अधीरता, restlessness

Language: Hindi
21 Likes · 27 Comments · 911 Views
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
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