कानून?
हम में से अधिकांश लोग कानून से जुड़ी हुई फिल्में देखकर ही बड़े हुए हैं, जिसमें बच्चन साहब, राजेश खन्ना साहब और कई अन्य नामचीन अभिनेताओं की बहुत बेहतरीन फिल्में हुई है। पुरानी फिल्मों में जहां मजबूर, लाचार, बेसहारा लड़की को न्याय मिलना काफी टेढ़ी खीर थी। वहीं आज न्याय मिलना खास तौर पर महिलाओं के लिए काफी आसान हो गया है। हांलाकि इस व्यवस्था के दुष्परिणाम भी सामने आए हैं, जहां फर्जी FIR जिसमें गंदे झूठे आरोप, बदले की भावना ने जहां इंसानियत को शर्मसार किया है, वहीं इंसानियत के गिरते स्तर को भी उजागर किया है। कई बार तो पुलिस प्रशासन की कार्यशैली भी संदेह के घेरे में आ जाती है। हमने ऐसे कई केस सुने हैं, जिसने पुलिस प्रशासन पे ऐसे दाग लगाए हैं, जो शायद ही कभी धुल पाएं। रिश्वतखोरी ने हर सरकारी विभाग की नींव को कमजोर किया है। हांलाकि ऐसे केस विरले ही होते हैं।
जनता का पुलिस पर बढ़ता अविश्वास इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं हमें शासन प्रशासन के रूप में लोगों के दिलों में और जगह बनाने की आवश्यकता है।