वोट पुन: इक बार
अज्ञानी बोलूँ उन्हे, ……या समझूँ नादान ।
जाति-धर्म के नाम पर,करते जो मतदान ।।
मानवता की जीत का,सपना हो साकार !
यही सोचकर दीजिए, वोट पुन:इक बार !!
रमेश शर्मा.
अज्ञानी बोलूँ उन्हे, ……या समझूँ नादान ।
जाति-धर्म के नाम पर,करते जो मतदान ।।
मानवता की जीत का,सपना हो साकार !
यही सोचकर दीजिए, वोट पुन:इक बार !!
रमेश शर्मा.