Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2024 · 1 min read

वैसे तो होगा नहीं ऐसा कभी

वैसे तो होगा नहीं, ऐसा कभी मुझसे।
होना पड़े बेवफा, मुझको कभी तुमसे।।
वैसे तो होगा नहीं———————–।।

कोशिश मेरी यही है, मैं अपना वादा निभाऊँ।
दुहा मेरी यही है, हर ख्वाब तेरा मैं सजाऊँ।।
अफसोस होगा मुझको भी, मैं नहीं चाहता ऐसा।
जाना पड़े दूर मुझको, होकर रुसवां तुमसे।।
वैसे तो होगा नहीं———————–।।

जैसे कि दूर नहीं है, बहार फूलों से।
ऐसे ही मैं लिपटा रहूँ, तेरी बाँहों से।।
बेरौनक तू हो जाये, मेरी रजा नहीं ऐसी।
खोना पड़े चैन दिल का, तुमको मेरी वजह से।।
वैसे तो होगा नहीं———————–।।

मजबूरी कोई भी, उस वक़्त हो सकती है।
मुझको बुरा मत समझना, ख़ता हो सकती है।।
बहेंगे आँसू मेरे भी, आँसू तुम्हारे देखकर।
हो जाये मुझको नफरत, कल यार यूँ तुमसे।।
वैसे तो होगा नहीं———————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
55 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*
*"ओ पथिक"*
Shashi kala vyas
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
surenderpal vaidya
*पुस्तक/ पत्रिका समीक्षा*
*पुस्तक/ पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
ड्राइवर,डाकिया,व्यापारी,नेता और पक्षियों को बहुत दूर तक के स
ड्राइवर,डाकिया,व्यापारी,नेता और पक्षियों को बहुत दूर तक के स
Rj Anand Prajapati
4742.*पूर्णिका*
4742.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
VINOD CHAUHAN
यदि सत्य बोलने के लिए राजा हरिश्चंद्र को याद किया जाता है
यदि सत्य बोलने के लिए राजा हरिश्चंद्र को याद किया जाता है
शेखर सिंह
मरने से पहले ख्वाहिश जो पूछे कोई
मरने से पहले ख्वाहिश जो पूछे कोई
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
सरसी छन्द
सरसी छन्द
Dr.Pratibha Prakash
भरत नाम अधिकृत भारत !
भरत नाम अधिकृत भारत !
Neelam Sharma
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
जिंदगी....एक सोच
जिंदगी....एक सोच
Neeraj Agarwal
लोकसभा बसंती चोला,
लोकसभा बसंती चोला,
SPK Sachin Lodhi
ख़ामोशी को कभी कमजोरी ना समझना, ये तो तूफ़ान लाती है।।
ख़ामोशी को कभी कमजोरी ना समझना, ये तो तूफ़ान लाती है।।
Lokesh Sharma
ज़ख्म पर ज़ख्म अनगिनत दे गया
ज़ख्म पर ज़ख्म अनगिनत दे गया
Ramji Tiwari
जीवन के किसी भी मोड़ पर
जीवन के किसी भी मोड़ पर
Dr fauzia Naseem shad
खोकर अपनों को यह जाना।
खोकर अपनों को यह जाना।
लक्ष्मी सिंह
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
हिंदी दिवस - 14 सितंबर
Raju Gajbhiye
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
मासुमियत है पर मासुम नहीं ,
Radha Bablu mishra
चाहत थी कभी आसमान छूने की
चाहत थी कभी आसमान छूने की
Chitra Bisht
ऐ ज़िंदगी
ऐ ज़िंदगी
Shekhar Chandra Mitra
लोग भी हमें अच्छा जानते होंगे,
लोग भी हमें अच्छा जानते होंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
"जुल्मो-सितम"
Dr. Kishan tandon kranti
" काले सफेद की कहानी "
Dr Meenu Poonia
नवरात्र में अम्बे मां
नवरात्र में अम्बे मां
Anamika Tiwari 'annpurna '
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
#जय_माता_दी
#जय_माता_दी
*प्रणय प्रभात*
अब न तुमसे बात होगी...
अब न तुमसे बात होगी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...