वैष्णो मैया
******* वैष्णो मैया (भेंट) ******
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वैष्णों मैया मूर्त बड़ी प्यारी – प्यारी,
जगत में महिमा है तेरी न्यारी-न्यारी।
त्रिकुटा गिरींद्र निराला सुंदर धाम है,
गरूड़ वाहिनी वैष्णवी को प्रणाम है,
भक्तों को लगती हो दुलारी -दुलारी।
जग में महिमा है तेरी न्यारी – न्यारी।
ज्योति मंदिर में सदा तेरी जलती रहे,
दीन-दुखियों की पीड़ा जो हरती रहे,
पिंड रूप में हो अवतारी – अवतारी।
जग में महिमा तुम्हारी न्यारी -न्यारी।
रत्नाकर के घर तुमने जन्म है लिया,
भक्त श्रीधर घर तुमने दर्शन है दिया,
जाएं तुम पर ही बलिहारी-बलिहारी।
जग में महिमा तुम्हारी न्यारी – न्यारी।
सुन्दर मुख देख कर भैरों ललचाया,
मुग्ध हो कर पीछे तेरे चला आया,
मार गिराया दुष्ट बलकारी-बलकारी।
जग में महिमा तुम्हारी न्यारी – न्यारी।
मनसीरत सवाली तेरे दर आया है,
तूँ माँ है मेरी मैंने यह वर पाया है,
खिले फूलों की फुलवारी-फुलवारी।
जग में महिमा तुम्हारी न्यारी – न्यारी।
वैष्णो मैया मूर्त बड़ी प्यारी – प्यारी।
जग में महिमा तुम्हारी न्यारी – न्यारी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)