Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2021 · 1 min read

वैलेंटाइन

लाल-लाल दे गुलाब, प्यार को हो इजहार, सप्ताह चलाने की ही, वैलेंटाइन रीत है।

मिलते हैं उपहार, टेडी की तभी बहार, गले से लगाने की ही , वैलेंटाइन रीत है।

नहीं है शरम लाज, खुला खुला है रिवाज, विदेशी जमाने की ही, वैलेंटाइन रीत है।

बाजारीकरण हुआ,दिखावा चलन हुआ,धन को कमाने की ही, वैलेंटाइन रीत है।

08-02-2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

4 Likes · 1 Comment · 319 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
"दोस्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
दर्द अपना है
दर्द अपना है
Dr fauzia Naseem shad
किस्मत
किस्मत
Neeraj Agarwal
ठिठुरन
ठिठुरन
Mahender Singh
जो मेरे लफ्ज़ न समझ पाए,
जो मेरे लफ्ज़ न समझ पाए,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
▫️ मेरी मोहब्बत ▫️
▫️ मेरी मोहब्बत ▫️
Nanki Patre
एहसास
एहसास
भरत कुमार सोलंकी
बिना आमन्त्रण के
बिना आमन्त्रण के
gurudeenverma198
- अपनो का स्वार्थीपन -
- अपनो का स्वार्थीपन -
bharat gehlot
मनमर्जी की जिंदगी,
मनमर्जी की जिंदगी,
sushil sarna
खामोश आवाज़
खामोश आवाज़
Dr. Seema Varma
सत्ता परिवर्तन
सत्ता परिवर्तन
Shekhar Chandra Mitra
आती है सब के यहाँ, खाती सबको मौत (कुंडलिया)*
आती है सब के यहाँ, खाती सबको मौत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें,
बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें,
शेखर सिंह
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*उधो मन न भये दस बीस*
*उधो मन न भये दस बीस*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko!
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko!
Srishty Bansal
हिन्दी दोहा शब्द- फूल
हिन्दी दोहा शब्द- फूल
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
Kishore Nigam
नेह ( प्रेम, प्रीति, ).
नेह ( प्रेम, प्रीति, ).
Sonam Puneet Dubey
लिख सकता हूँ ।।
लिख सकता हूँ ।।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
बेटियां तो बस बेटियों सी होती है।
बेटियां तो बस बेटियों सी होती है।
Taj Mohammad
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Pratibha Pandey
जय प्रकाश
जय प्रकाश
Jay Dewangan
आज की तारीख़ में
आज की तारीख़ में
*Author प्रणय प्रभात*
23/185.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/185.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निजी कॉलेज/ विश्वविद्यालय
निजी कॉलेज/ विश्वविद्यालय
Sanjay ' शून्य'
ये आज़ादी होती है क्या
ये आज़ादी होती है क्या
Paras Nath Jha
हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास हैl
हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास हैl
Ranjeet kumar patre
Loading...