Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Oct 2022 · 1 min read

वैराग्य

वैराग्य

मिलन की आश
की वेदना,
चिरंतन ,शाश्वत है ।

वेदना का सुख,
निर्मोही, पर
प्रेम रचता है ।

जुदाई तन की,
मायावी ही,
आश देता है ।

सुख ,मिलन का
क्षणिक ,विरह-
त्रास रचता है ।

विरह में मिलन
की चेतना,
वैराग्य वरती है !

डा॰ नरेन्द्र कुमार तिवारी

Language: Hindi
208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Loading...