वैराग्य
वैराग्य
मिलन की आश
की वेदना,
चिरंतन ,शाश्वत है ।
वेदना का सुख,
निर्मोही, पर
प्रेम रचता है ।
जुदाई तन की,
मायावी ही,
आश देता है ।
सुख ,मिलन का
क्षणिक ,विरह-
त्रास रचता है ।
विरह में मिलन
की चेतना,
वैराग्य वरती है !
डा॰ नरेन्द्र कुमार तिवारी