Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2023 · 1 min read

वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं

सपने हैं सपनों का क्या !
आंखें खुली सब टूट गये.

भूखे चले थे, पटरी पटरी,
हारे थके सो गये, कुचले गये.

कच्चा मांस खाते वो बच्चा,,
महामारी से नहीं, भूख से गये..

निश दिन चल , घर की ओर बढ़े..
घर से दूर ठहरे, अपने भी पराये हुए..

हिंदुओं को क्या हुआ , जिसे देखो
नजर सिक्ख भाई और मुस्लिम मिले.

ये तो ठीक वैसे हुआ दुर्घटना घटी ,
उसकी जेबें टटोली और भाग लिये.

किसान आंदोलन में मरने वालों की
संख्या, मालूम नहीं है जिन्हें उन्हें .।।

महामारी से मरने वालों की संख्या,
मालूम नहीं, पूछे तो अस्सी करोड़ मिले.

जिस मुल्क में मूलभूत मूल्य न मिले,
उस गरीब को कैसे ऑक्सीजन मुफ्त मिले.

दुपहिया चौपहिया वाहन खूब बिके,,
बताओ थे , ये कहाँ पर , खड़े हुए ..

आ गया है सबका सब कालाधन,,
अब बताओ ,, उसका क्या करें .।।

लगा दिया है गब्बर सिंह टैक्स,,
मिलजुलकर सब भुगतान करें..

उज्ज्वला नाम पर, सब्सिडी छोडे
रसोई गैस एक हजार पार मिले ..

बन कर तैयार है, भव्य राम-मंदिर,,
सेवक बने, लहसुन प्याज का त्याग करें…

एक बार जोर से जयश्रीराम का उद् घोष करें,
भारत से कह दें, वह कुछ दिन शांत रहे ।.।

पूरा देश से लोहा इकट्ठा करें चीन का विरोध करें
पर्यटन क्षेत्र के पैसे से, गुजरात उन्नति करे ।.।

परिणाम तो देखो, नोटबंदी से मंदी तक ..
जनधन योजना के तहत, भगौड़ों तक ..

पांच ट्रिलियन की सोच से बिकवाली तक,
जम्मू कश्मीर के बेहतर हालात से मणिपुर तक,

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 391 Views
Books from Mahender Singh
View all

You may also like these posts

सच्चाई
सच्चाई
Seema Verma
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
अंसार एटवी
sp 58द्वापर युग भगवान कृष्ण
sp 58द्वापर युग भगवान कृष्ण
Manoj Shrivastava
वक्त
वक्त
अंकित आजाद गुप्ता
इबादत!
इबादत!
Pradeep Shoree
कुदरत है बड़ी कारसाज
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
VINOD CHAUHAN
4151.💐 *पूर्णिका* 💐
4151.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . . . माटी
दोहा पंचक. . . . माटी
sushil sarna
” असंतुष्टि की गाथा “
” असंतुष्टि की गाथा “
ज्योति
चिरस्थायी भविष्य के लिए जेंडर समानता
चिरस्थायी भविष्य के लिए जेंडर समानता
Dr. AMIT KUMAR DIXIT
सभी जीव-जन्तुओं का आश्रय स्थल :- जंगल
सभी जीव-जन्तुओं का आश्रय स्थल :- जंगल
Mahender Singh
ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है।
ख़्वाहिशों को कहाँ मिलता, कोई मुक़म्मल ठिकाना है।
Manisha Manjari
*शिव विद्यमान तुम कण-कण में, प्रत्येक स्वरूप तुम्हारा है (रा
*शिव विद्यमान तुम कण-कण में, प्रत्येक स्वरूप तुम्हारा है (रा
Ravi Prakash
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
दरक जाती हैं दीवारें  यकीं ग़र हो न रिश्तों में
दरक जाती हैं दीवारें यकीं ग़र हो न रिश्तों में
Mahendra Narayan
4) इल्तिजा
4) इल्तिजा
नेहा शर्मा 'नेह'
.
.
*प्रणय*
प्यार लुटाती प्रेमिका
प्यार लुटाती प्रेमिका
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
भालू , मेढ़क और बंदर
भालू , मेढ़क और बंदर
Dr. Vaishali Verma
वेदना
वेदना
"एकांत "उमेश*
मैं गलत नहीं हूँ
मैं गलत नहीं हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
रतन महान , एक श्रद्धांजलि
रतन महान , एक श्रद्धांजलि
मधुसूदन गौतम
नया नया अभी उजाला है।
नया नया अभी उजाला है।
Sachin Mishra
जिंदगी जी लो
जिंदगी जी लो
Ruchika Rai
हिंग्लिश
हिंग्लिश
Shailendra Aseem
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
.............सही .......
.............सही .......
Naushaba Suriya
- घरवालो की गलतियों से घर को छोड़ना पड़ा -
- घरवालो की गलतियों से घर को छोड़ना पड़ा -
bharat gehlot
आदमी और धर्म / मुसाफ़िर बैठा
आदमी और धर्म / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Loading...