*वे तो याद आते हैं* __ घनाक्षरी
एक बार गुजरा था उनकी गली से मैं तो।
बार-बार रोज अब वे तो याद आते है।।
कितने हसीन थे इशारे उनके वे प्यारे।
जागता हूं सारी रात वे तो याद आते है।।
सोचता हूं जा के बोलूं दिल के मैं राज खोलूँ।
हो ना जाए खफा कहीं वे तो याद आते हैं।।
किसी दिन जाऊंगा बताऊंगा मैं उनको तो।
प्यार हुआ “अनुनय” वे तो याद आते हैं।।
राजेश व्यास अनुनय