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9 Feb 2021 · 1 min read

वेलेंटाइन प्यार

दोहा मुक्तक

रोज रोज मिलता नहीं, वेलेंटाइन प्यार।
कहाँ रोज मिलता सदा, वैलेंटाइन यार।
रहें मनाते रोज डे, ,मिलें गुलाबी फूल ।
अंतर्मन ऐसे मिलें, भूल रार का सार ।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 203 Views
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