वेलेंटाइन प्यार
दोहा मुक्तक
रोज रोज मिलता नहीं, वेलेंटाइन प्यार।
कहाँ रोज मिलता सदा, वैलेंटाइन यार।
रहें मनाते रोज डे, ,मिलें गुलाबी फूल ।
अंतर्मन ऐसे मिलें, भूल रार का सार ।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दोहा मुक्तक
रोज रोज मिलता नहीं, वेलेंटाइन प्यार।
कहाँ रोज मिलता सदा, वैलेंटाइन यार।
रहें मनाते रोज डे, ,मिलें गुलाबी फूल ।
अंतर्मन ऐसे मिलें, भूल रार का सार ।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम