Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

वेलेंटाइन डे आशिकों का नवरात्र है उनको सारे डे रोज, प्रपोज,च

वेलेंटाइन डे आशिकों का नवरात्र है उनको सारे डे रोज, प्रपोज,चॉकलेट, प्रोमिस,,किस, मिस ब्रेकअप सब याद है।

लेकिन उनसे यदि यह पूछ लिया जाए कि राष्ट्रीय पराक्रम दिवस कब मनाया है तो वे मौन धारण कर लेंगे।
RJ Anand Prajapati

146 Views

You may also like these posts

"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
4137.💐 *पूर्णिका* 💐
4137.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" मिलन की चाह "
DrLakshman Jha Parimal
“Don't give up because of one bad chapter in your life.
“Don't give up because of one bad chapter in your life.
Neeraj kumar Soni
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
Anand Kumar
नारी देह नहीं, देश है
नारी देह नहीं, देश है
Ghanshyam Poddar
sp,62लखनऊ हजरतगंज
sp,62लखनऊ हजरतगंज
Manoj Shrivastava
"तरफदारी"
Dr. Kishan tandon kranti
वो आइने भी हर रोज़ उसके तसव्वुर में खोए रहते हैं,
वो आइने भी हर रोज़ उसके तसव्वुर में खोए रहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
*गाओ हर्ष विभोर हो, आया फागुन माह (कुंडलिया)
Ravi Prakash
जंग के भरे मैदानों में शमशीर बदलती देखी हैं
जंग के भरे मैदानों में शमशीर बदलती देखी हैं
Ajad Mandori
माँ स्कंदमाता की कृपा,
माँ स्कंदमाता की कृपा,
Neelam Sharma
पारस्परिक सहयोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
पारस्परिक सहयोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
Ajit Kumar "Karn"
- बेहतर की तलाश -
- बेहतर की तलाश -
bharat gehlot
लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ?
लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
सांझ
सांझ
Neeraj Agarwal
#यादें_बचपन_की।
#यादें_बचपन_की।
*प्रणय*
मेरे दीदी आप के लिए
मेरे दीदी आप के लिए
पूर्वार्थ
अपराध बोध (लघुकथा)
अपराध बोध (लघुकथा)
गुमनाम 'बाबा'
ख़ुद के होते हुए भी
ख़ुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
इतनी जल्दी दुनियां की
इतनी जल्दी दुनियां की
नेताम आर सी
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
आर.एस. 'प्रीतम'
मेरी यादों में
मेरी यादों में
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हमारे बुजुर्गो की वैज्ञानिक सोच
हमारे बुजुर्गो की वैज्ञानिक सोच
मधुसूदन गौतम
अनुप्रास अलंकार
अनुप्रास अलंकार
Dr. Rajeev Jain
आते जाते रोज़, ख़ूँ-रेज़ी हादसे ही हादसे
आते जाते रोज़, ख़ूँ-रेज़ी हादसे ही हादसे
Shreedhar
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
Phool gufran
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
Aarti sirsat
मैं ....
मैं ....
sushil sarna
तन्हा आसमां
तन्हा आसमां
PRATIK JANGID
Loading...