वेद पर दोहे
वेद पर पाँच दोहे
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सार भरा ऋग्वेद में ,देवों का आह्वान।
लिखा वेद जी व्यास ने,जिसका अतुल विधान।।
यजुर्वेद में मंत्र का,पावन है विस्तार।
मुनिजन जिसको बाचकर,पाएं जीवन सार।।
तन मन को शीतल करें,सामवेद का ज्ञान।
लिखा मंत्र के रुप में,जिसमें सुर लय तान।।
अथर्ववेद है तंत्र का,अनुपम अतुलित जाप।
कभी जगत को दे सजा,कभी हरे संताप।।
चारों वेदों में भरा,है जीवन का सार।
दुनिया में सुखसार की, करे यही विस्तार।।
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रचनाकार–डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पिपरभावना,बलौदाबाजार(छ.ग.)
मो. 8120587822