वृंदाबन महिमा-मत्त सवैया (ब्रज भाषा)
🙏
!! श्रीं !!
सुप्रभात !
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन !
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वृंदाबन महिमा
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पूरनमासी कालिंदी तट,
बाँसरिया श्याम बजाई रे ।
गोपीजन दौरि परीं सिगरी,
सुध-बुध सबनै बिसराई रे।।.
यमुना तट रास रच्यौ भारी,
गोपिन नें धूम मचाई रे ।
नेहा ते रीझीं भीज गईं,
ऊ रैन बड़ी सुखदाई रे।।(७)
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राधे…राधे…!
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महेश जैन ‘ज्योति’,
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