विष्णु प्रभाकर जी रहे,
विष्णु प्रभाकर जी रहे,
श्रेष्ठ साहित्यकार
सकल गद्य में आपने,
खूब रचा संसार
महावीर उत्तरांचली
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*विष्णु प्रभाकर (21 जून 1912—11 अप्रैल 2009) हिन्दी के सुप्रसिद्ध लेखक थे जिन्होने अनेकों लघु कथाएँ, उपन्यास, नाटक तथा यात्रा संस्मरण लिखे। उनकी कृतियों में देशप्रेम, राष्ट्रवाद, तथा सामाजिक विकास मुख्य भाव हैं।