विषाद
दोहे
विषाद
रहता ह्रदय विषाद में, धरे न कोई धीर।
हाथ उठे फरियाद में, नैना बहता नीर।।
बेला विषाद छा रही, आंसु रहे हैं सींच ।
कहर जगत में ढा रही, बैठा आंखें मींच ।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)
दोहे
विषाद
रहता ह्रदय विषाद में, धरे न कोई धीर।
हाथ उठे फरियाद में, नैना बहता नीर।।
बेला विषाद छा रही, आंसु रहे हैं सींच ।
कहर जगत में ढा रही, बैठा आंखें मींच ।।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)