विषय _ इन्तजार दूरी का
विषय _ इन्तजार दूरी का
याद है मुझे जब पहली बार तूने मुझे छुआ था
तेरे मेरे दरमियान बेहद प्यार हुआ था
वो अहसास आज भी मुझे बैचैन कर जाता है
अनकही सी बातें कह जाता है
याद है मुझे वो मोहब्बत का पहला अहसास
तू आया था मेरी रूह के पास।
वो पहला अहसास दिल में उमंग जगाता है
प्यार कितना हसीं होता है ये बतलाता है
गुदगुदाता है नई तरंगे जगाता है
एक बार फिर मिलने को मन बैचैन हो जाता है ।
सितम है तन्हाइयों का सितम है तुमसे दूरी का
याद आता है वो हर लम्हा जो हमारे क़रीब था और इन्तजार था हर दूरी का।