विषय-समस्या!
विषय-समस्या!
शीर्षक-जीवन का नाम समस्या!
विद्या-कविता
जीवन का दूसरा नाम,
अब समस्या है।
समस्या रहित जीवन की प्राप्ति,जैसे कोई तपस्या है।
कभी पानी नहीं मिलता,
कभी बिजली चली जाती।
कभी चुगलखोर औरतें,
इधर-उधर की चुगली लगाती।
कुछ लोग तेज आवाज,
गाना बजाते हैं।
रास्ते में घर का कचरा,
फेंक जाते हैं।
टेलीविजन में कार्यक्रम से ज्यादा,विज्ञापन आते हैं।
मोबाइल में न अब,
विज्ञापन से बच पाते हैं।
सब्जी,फल भी अब,
बहुत महँगे आते हैं।
लगता जैसे सब्जी फल नहीं,हम सोना लाते हैं।
दूध के नाम पर जैसे,
दही-सी दिखती चीज पाते हैं।
जिस सच्ची स्त्री से सबका सम्मान,
उसका न कोई मान है।
उसकी तरक्की भी बनी,
कभी गाली,कभी अपमान है।
समस्याओं में घसीटता जीवन,
समस्या से घिरा जहान है।
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
Priya princess panwar
स्वरचित,मौलिक
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78
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