Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2023 · 1 min read

विषय-मेरा गाँव।

विषय-मेरा गाँव।
शीर्षक-पल-पल याद आता है।
रचनाकार-प्रिया प्रिंसेस पवाँर

याद आता है,
स्कूल गांव का।
वो आराम,
ठंडी छांव का।

वो गांव की चाची,दादी,
और ताई।
वो सच्चे रिश्तों की कमाई।

वो कुआं,वो रास्ता,वो पनघट।
वो चलते-चलते जब हो जाती थी खटपट।

वो दादी का सिखाना रोटी पकाना।
फिर बाद में लाड़ जताना।

मेरा गांव याद आता है।
गांव का हर रिश्ता,
याद आता है।
मेरा गांव था मेरा कितना अपना…
ये पल-पल दिल बहलाता है।

अपना गांव,
भूला नहीं जाता।
न यादों से भूला वो, सावन का झूला नहीं जाता।
याद आता है मुझे,
मेरा गांव याद आता।
फसलों का वो मौसम,
न कभी भूला जाता।

प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78

2 Likes · 225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* प्रीति का भाव *
* प्रीति का भाव *
surenderpal vaidya
प्रार्थना (मधुमालती छन्द)
प्रार्थना (मधुमालती छन्द)
नाथ सोनांचली
अन्धी दौड़
अन्धी दौड़
Shivkumar Bilagrami
लोग खुश होते हैं तब
लोग खुश होते हैं तब
gurudeenverma198
मईया कि महिमा
मईया कि महिमा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जो पड़ते हैं प्रेम में...
जो पड़ते हैं प्रेम में...
लक्ष्मी सिंह
2122 :1222 : 122: 12 :: एक बार जो पहना …..
2122 :1222 : 122: 12 :: एक बार जो पहना …..
sushil yadav
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
शेखर सिंह
"समाहित"
Dr. Kishan tandon kranti
आज़ादी के दीवानों ने
आज़ादी के दीवानों ने
करन ''केसरा''
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ज्ञान से शिक्षित, व्यवहार से अनपढ़
ज्ञान से शिक्षित, व्यवहार से अनपढ़
पूर्वार्थ
भगवान
भगवान
Anil chobisa
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
2411.पूर्णिका
2411.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
डाकिया डाक लाया
डाकिया डाक लाया
Paras Nath Jha
"कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है
Atul "Krishn"
🙅नया मुहावरा🙅
🙅नया मुहावरा🙅
*प्रणय प्रभात*
*आइसक्रीम (बाल कविता)*
*आइसक्रीम (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मृतशेष
मृतशेष
AJAY AMITABH SUMAN
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
Sunil Maheshwari
*तुम अगर साथ होते*
*तुम अगर साथ होते*
Shashi kala vyas
आ रे बादल काले बादल
आ रे बादल काले बादल
goutam shaw
साहित्य मेरा मन है
साहित्य मेरा मन है
Harminder Kaur
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
Basant Bhagawan Roy
लोकतंत्र में भी बहुजनों की अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा / डा. मुसाफ़िर बैठा
लोकतंत्र में भी बहुजनों की अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा / डा. मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
सुप्रभात प्रिय..👏👏
सुप्रभात प्रिय..👏👏
आर.एस. 'प्रीतम'
हिंदी दोहा -रथ
हिंदी दोहा -रथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अन्नदाता
अन्नदाता
Akash Yadav
Loading...